दो दरवाजे प्रेम की मुश्किल हो दौर डबल मास्क डर की परछाई दो बिगाड़ सके न कुछ भी कोरोना श्वान भौंक रहे भौंकने दो की कहानी दूज़ी लहर बहा दो साथ दूरी गंगा धीरज तो हम कभी न छोड़ें भाईयों हिंदी कविता काबू है हमने पाया विश्वगुरु फिर बनेगा जग सिरमौर hindikavita

Hindi दो गज़ की दूरी Poems