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दरवाजा गंगा श्वान भौंक रहे भौंकने दो मुश्किल हो दौर काबू है हमने पाया प्रेम की विश्वगुरु फिर बनेगा जग सिरमौर पुराने दिन दो दरवाजे डर की परछाई 52weekswritingchallenge की कहानी भाईयों बहा दो hindikavita दो धीरज तो हम कभी न छोड़ें बिगाड़ सके न कुछ भी कोरोना दो दरवाजा दूज़ी लहर

Hindi दो गज़ की दूरी Poems